वैदिक ज्योतिष में कालसर्प दोष एक ऐसा ग्रह योग है, जिसमें राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं। यह योग व्यक्ति के जीवन में मानसिक, आर्थिक, वैवाहिक और पारिवारिक क्षेत्रों में बहुत सारी बाधाएँ उत्पन्न कर सकता है। भगवान शिव की कृपा और उचित पूजा विधि से इस दोष के प्रभावों को शांत किया जा सकता है।
त्र्यंबकेश्वर (नासिक) में यह पूजा सदियों से बहुत प्रभावी मानी जाती है।

कालसर्प दोष क्या होता है?
जब जन्म कुंडली के सभी ग्रह राहु-केतु के बीच होंगे और वे ग्रह किसी भी घर में होंगे, तब यह दोष होता है। यह 12 विभिन्न प्रकार का हो सकता है, जैसे:
अनंत कालसर्प
कुलिक कालसर्प
वासुकी कालसर्प
शंखपाल कालसर्प
पद्म कालसर्प
महारोषा कालसर्प
शेष कालसर्प आदि
हर तरह का दोष अलग-अलग जीवन क्षेत्रों को प्रभावित करता है।
कालसर्प दोष के बुरे प्रभाव
जीवन क्षेत्र होने वाले संभावित नकारात्मक प्रभाव
करियर बार-बार असफलता, नौकरी में अस्थिरता
आर्थिक स्थिति कर्ज, धन की हानि, आर्थिक बाधाएँ
स्वास्थ्य मानसिक तनाव, निद्रा समस्या, दुर्घटना योग
विवाह/प्रेम संबंधों में असफलता, शादी में बाधा
संतान सुख गर्भधारण में कठिनाई या चिंता
व्यवसाय नुकसान, विवाद, धोखे का खतरा
यह दोष जीवन में दुविधा बढ़ाता है लेकिन सही समाधानों से इसे शांत किया जा सकता है।
कालसर्प दोष पूजा क्यों आवश्यक है?
राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं
जीवन में बाधाओं का अंत होता है
भाग्य की विकास का मार्ग खुलता है
सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह
संबंध और करियर स्थिरता
कालसर्प दोष पूजा कैसे जहाँ कराई जाए?
हिंदू धर्म में कहा गया है कि:
त्र्यंबकेश्वर (नासिक)में की गई पूजा के लाभ अत्यंत सुफले माने जाते हैं।
यहाँ भगवान त्र्यंबकेश्वर शिव की special कृपा इस दोष से मुक्ति भी देती है।
कालसर्प दोष पूजा विधि
पूजा 2-3 घंटे में सम्पन्न होती है:
स्नान और शुद्धिकरण
गणेश पूजन तथा संकल्प
कालसर्प दोष शांति मंत्रों का जाप
नाग-नागिन प्रतिमा पूजन
अभिषेक और हवन
राहु-केतु दोष शांतिदायक अनुष्ठान
पितृ तर्पण (आवश्यकतानुसार)
दान एवं पूर्णाहुति
पूजा के समय नाग-नागिन रूपी मूर्तियों को जल में प्रवाहित किया जाता है।
निष्कर्ष
कालसर्प दोष जीवन में संघर्ष बढ़ा सकता है, परंतु शिव भक्त है तो संकट नही*— यह सत्य है।
भगवान त्र्यंबकेश्वर शिव की कृपा और विधि-विधानयुक्त पूजा से जीवन में सफलता, शांति, समृद्धि, संबंधों में सुधार
निश्चित रूप से प्राप्त होते हैं। कालसर्प दोष जीवन में संघर्ष अवश्य देता है, लेकिन यह सफलता के द्वार भी खोलता है।
यदि सही समय पर सही स्थान पर और शिवेश गुरु जी जैसे विद्वान पंडित के निर्देशन में पूजा कराई जाए तो जीवन की दिशा बदल सकती है।
कालसर्प दोष पूजा विधि से जुड़े सामान्य प्रश्न
क्या कालसर्प दोष पूरी तरह खत्म हो जाता है?
पूजा के बाद दोष काफी हद तक शांत हो जाता है और जीवन में सुधार आता है।
पूजा कहाँ कराई जाए?
त्र्यंबकेश्वर का स्थान इस पूजा के लिए विशेष पवित्र माना गया है।
पूजा की फीस कितनी होती है?
कुंडली, विधि और सामग्री के अनुसार शुल्क भिन्न होता है।
क्या पूजा किसी भी दिन कराई जा सकती है?
हाँ, लेकिन सोमवार व श्रावण मास में इसका फल अधिक शुभ माना जाता है।
क्या इस दौरान व्रत की आवश्यकता होती है?
हाँ, पवित्रता व नियमों का पालन करना अनिवार्य है।