भगवान शिव की उपासना का सर्वश्रेष्ठ रूप रुद्राभिषेक है। यह पूजा भगवान शिव को जल, दूध, घृत, शहद, बेलपत्र आदि चढ़ाकर की जाती है। विशेष रूप से सावन, सोमवारी, महाशिवरात्रि और किसी भी महत्वपूर्ण पर्व या शुभ दिन पर ही नहीं, लेकिन आप चाहें तो घर में भी पूरी विधि से रुद्राभिषेक कर सकते हैं।

रुद्राभिषेक से जीवन की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, रोग-शोक दूर होते हैं, ग्रहदोष शांत होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। यह पूजा वैवाहिक जीवन, करियर, स्वास्थ्य और संतान सुख के लिए भी अत्यंत शुभ फलदायी है।

घर पर रुद्राभिषेक कैसे करें? सम्पूर्ण मार्गदर्शन

Table of Contents

सही समय रुद्राभिषेक करने के लिए

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में या सूर्य उदय के बाद

सोमवार, सावन, श्रावण सोमवार, महाशिवरात्रि सर्वश्रेष्ठ

आवश्यक सामग्री

शिवलिंग (मार्बल/पारद/काले पत्थर का होना शुभ)

जल, गंगाजल

दूध, दही, घी, शहद, शक्कर (पंचामृत)

बेलपत्र, धतूरा, आक, भांग (ऐच्छिक)

फल, फूल, माला

चंदन, रोली, अक्षत

दीपक और धूप

सफेद कपड़ा

तांबे/पीतल का लोटा

कलश

शुद्ध आसन (कुशासन/लाल कपड़ा)

घर पर रुद्राभिषेक करने की विधि

शुद्धिकरण

पहले सबसे पहले घर को और पूजा स्थल को शुद्ध करें

स्वयं स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें

कलश में जल भरकर पास रखें

संकल्प लें

अपने उद्देश्य के अनुसार संकल्प लें जैसे — स्वास्थ्य, शांति, समृद्धि आदि।

दीप प्रज्वलन

दीपक जलाएँ, धूप जलाएँ, भगवान शिव पर अपना ध्यान केंद्रित करें।

चरण अभिषेक

प्रत्येक चरण में आप “ॐ नमः शिवाय” या रुद्र मंत्र का जाप क रहिए।

चरण

क्या अर्पित करना होगा

लाभ

जल और गंगाजल

मन और शरीर की शांति

दूध

चंद्र दोष और तनाव दूर

दही

संबंध मधुर होते हैं

घी

रोग नाश और सौभाग्य

शहद

वाणी में मिठास

शक्कर

मंगल और स्वास्थ्य

बेलपत्र

शिव की विशेष प्रिय वस्तु

इसके बाद पंचामृत से फिर से अभिषेक किएँ। अंत में शुद्ध गंगाजल से शिवलिंग की साफी करनी है।

श्रंगार व पूजन

बिल्व पत्र (3 पत्तियों वाला), फूल, चंदन अर्पित करें

धतूरा, भांग केवल यदि आपके पास उपलब्ध और पूजा नियमों के अनुसार हो

मंत्र जाप

आप नीचे दिए मंत्रों में से किसी का भी जाप कर सकते हैं —

पंचाक्षरी मंत्र:

ॐ नमः शिवाय

महामृत्युंजय मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

ऊर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

आठ स्त्रोतों का पाठ करें

पूजा के बाद

शिवजी को भोग लगाएँ — फल, पंचामृत या प्रसाद

आरती करें — “जय शिव ओंकारा”

प्रसाद सभी को वितरित करें

 रुद्राभिषेक में ध्यान रखने योग्य सावधानियाँ

शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाई जाती

तांबे के बर्तन में कभी भी भूलकर भी गंगाजल + दूध एक साथ न रखें

बेलपत्र उलटे न चढ़ाएँ

चावल टूटे हुए न हों

प्रसाद खाने योग्य व शुद्ध हो

रुद्राभिषेक के अद्भुत लाभ

मानसिक शांति और नकारात्मक ऊर्जा का नाश

ग्रहदोष शांत — विशेषकर कालसर्प दोष, शनि और चंद्र दोष

आर्थिक स्थिति में सुधार

अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति

पारिवारिक तनाव और मुकदमेबाजी से छुटकारा

संतान सुख का आशीर्वाद

निष्कर्ष

रुद्राभिषेक साधारण लेकिन अत्यंत प्रभावशाली पूजा है। यदि इसे श्रद्धा व पूर्ण विधि से किया जाए, तो भगवान शिव तुरंत प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं। अगर आप कालसर्प दोष, नारायण नागबली पूजा, पितृ दोष निवारण, या रुद्राभिषेक विशेष रूप से त्र्यंबकेश्वर मंदिर में कराना चाहते हैं, तो त्र्यंबकेश्वर के श्रेष्ठ और अनुभवी पंडित शिवेश गुरु जी आपके लिए सबसे उचित मार्गदर्शक हैं। उनकी पूजा विधियाँ पूरी तरह शास्त्रोक्त और प्रमाणिक हैं, तथा उनके द्वारा कराए गए अनुष्ठानों से लाखों भक्तों को लाभ मिला है।

रुद्राभिषेक से जुड़े सामान्य प्रश्न

घर पर रुद्राभिषेक करने के लिए कौन कौन से व्यक्ति योग्य हैं?

कोई भी श्रद्धालु व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त या शुभ दिन पर कर सकता है।

क्या महिलाएं रुद्राभिषेक कर सकती हैं?

हाँ, पूर्ण रूप से (रजस्वला के दिनों को छोड़कर)

शिवलिंग पर क्या नहीं रखना चाहिए?

हल्दी, नारियल पानी, टूटा चावल, तुलसी पत्र।

अनिवार्य किस मंत्र का जाप है?

करीब 108 बार कम से कम ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए।

रुद्राभिषेक हर दिन किया जा सकता है क्या?

जी हां, लेकिन विशेषतः सोमवार ही शुभ होता है।

Reference – https://housing.com/news/hi/how-to-perform-rudrabhishek-puja-at-home-hi/

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