वैदिक ज्योतिष में कालसर्प दोष ऐसा योग है, जो व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, बाधाएँ, मानसिक तनाव और अस्थिरता उत्पन्न करता है। कहते हैं यह योग पूर्व जन्म के कर्मों का फल होता है और जब जन्मकुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु की धुरी के बीच आ जाते हैं, तब यह दोष बनता है। किस प्रकार पता लगाया जाए कि कुंडली में कालसर्प दोष है

इस ब्लॉग में हम सरल, स्पष्ट और प्रामाणिक तरीके से जानेंगे कि जन्मकुंडली में कालसर्प दोष की पहचान कैसे की जा सकती है।

कुंडली में कालसर्प दोष कैसे देखें? संपूर्ण मार्गदर्शिका

Table of Contents

कालसर्प दोष क्या है?

जब सभी 7 मुख्य ग्रह — सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि

राहु और केतु के बीच स्थित हो जाएँ और किसी भी ग्रह का आधा भी भाग इस सीमा से बाहर न हो…

तब यह योग माना जाता है।

यह दोष व्यक्ति के जीवन में निरंतर चुनौती, असफलता और भय लेकर आता है, लेकिन सही उपाय से इसका प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है।

कालसर्प दोष की पहचान के मुख्य संकेत

सभी ग्रह राहु-केतु के बीच होना

 यह कालसर्प दोष कासबसे बड़ा और मूल नियम है।

अगर कोई भी ग्रह, आंशिक रूप से भी बाहर हो जाए, तो पूर्ण कालसर्प दोषनहीं बनता।

 राहु और केतु की स्थिति

राहु जिस भाव में होता है, उसी के अनुसार कालसर्प दोष काप्रकार निर्धारित होता है।

उदाहरण:

 राहु लग्न भाव में हो तोआनन्त कालसर्प योग

राहु सप्तम भाव में हो तोकालिक

राहु अष्टम भाव में हो तोमहापद्म आदि

इसके कुल 12 प्रकार माने जाते हैं।

केतु का ठीक राहु के विपरीत होना

केतु हमेशा राहु के ठीक 180° की दूरी पर होता है।

यदि ऐसा न हो, तो कालसर्प दोष मान्यता प्राप्त नहीं होता।

कुंडली में कालसर्प दोष के आध्यात्मिक संकेत

व्यक्ति को सपनों में सर्प दिखाई देना

पूजा-पाठ में मन कम लगना

पूर्वजों से जुड़े संकेत

शिव मंदिरों की ओर बार-बार आकर्षण

ये सब सामान्य संकेत हैं, परंतु केवल इनसे निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए। कुंडली का सही विश्लेषण ही निर्णायक होता है।

कालसर्प दोष के स्पष्ट लक्षण

जीवन का क्षेत्र                 प्रभावित होने का संकेत                 

करियर एवं व्यवसाय                    देर से हासिल होना, मौका हाथ से निकलना 

विवाह                                     देरी, विवाद, विश्वासघात                

स्वास्थ्य                                   मानसिक तनाव, भय, स्वाभाविक रोग             

आर्थिक स्थिति                         धन हानि, कार्यों में बाधाएँ            

परिवार एवं समाज                    अलगाव, सहयोग की कमी                    

मानसिक स्थिति                        अस्थिरता, चिंता, अकारण डर             

ग्रहण योग vs कालसर्प दोष

कुछ लोगग्रम्हित हो जाते हैं क्योंकि ग्रहण योग के प्रभाव भी कठिन होते हैं।

लेकिन दोनों में बहुत बड़ा अंतर है—

आंशिक और संपूर्ण कालसर्प दोष

कुंडली में यह दोष दो तरीकों से देखा जाता हैं—

संपूर्ण कालसर्प दोष

अधिकांश ग्रह पूरा राहु और केतु के बीच

बहुत ज्यादा प्रभाव

आंशिक कालसर्प दोष

कोई भी ग्रह थोड़ा बाहर

कम प्रभाव

इसकी निशान एेखाला केवल कुशल और अनुभवी ज्योतिषी ही लगा सकता है।

कालसर्प दोष की पहचान सॉफ्टवेयर से ही न करें

आजकल ज्योतिष सॉफ्टवेयर पर कुंडली बनाई जाती है, लेकिन—

सॉफ्टवेयर हर समय सही तरीके से दोष नहीं दर्शाता

भाव और दृष्टि बल का गहरा विश्लेषण आवश्यक

 वास्तविक परिणाम एकअनुभवी विद्वान ज्योतिषाचार्य ही बता सकता है

कुंडली में कालसर्प दोष दिखे तो क्या करें?

➡ घबराएँ नहीं

➡ सही उपाय संभव है

वैदिक उपाय:

त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष निवारण पूजा

रुद्राभिषेक

जप करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र

नाग पूजा

शिवलिंग पर जल और दूध अर्पण

गरीबों को शनिवार को दान

आध्यात्मिक दृष्टि से—

यह दोष व्यक्ति को अधिक मेहनत, धैर्य और आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित करता है।

पूजा करने का श्रेष्ठ स्थान – त्र्यंबकेश्वर

नाशिक स्थितभगवान त्र्यंबकेश्वर का मंदिर

कालसर्प दोष निवारण के लिए भारत का सबसे प्राचीन और शक्तिशाली स्थल माना जाता है।

क्योंकि यहाँ शिव स्वयं—

 काल को नियंत्रित करने वाले

दोष नाशक

मुक्तिदाता

पूजा योग्य गुरु और सही विधान

कालसर्प दोष की पूजा सिद्ध मंत्रों और शुद्ध विधियों से करनी होती है।

इसलिएसही गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है।

त्र्यंबकेश्वर में श्रद्धालु शिवेश गुरु जी को कालसर्प पूजा के लिए अत्यंत अनुभवी और विश्वसनीय विद्वान मानते हैं।

उनके मार्गदर्शन में विधिपूर्वक पूजा कराने से अच्छे परिणाम मुहूर्त मिलते हैं।

> पूजा से पहले अपनी कुंडली अवश्य दिखाएँ।

> सही इलाज ही जीवन बदल सकता है। 

निष्कर्ष

कालसर्प दोष जीवन में कठिनाई बढ़ा सकता है, लेकिन यह कोई श्राप नहीं है।  नहीं, बल्कि यह ऐसे लोगों का सम्मिलन है, जो बड़ी सफलता के लिए पैदा होते हैं बस समय और साहस की परीक्षा अधिक होती है। सही ज्योतिषीय सलाह, पूजा और सकारात्मकता के साथ जीवन में आनंद, सफलता और शांति अवश्य मिलती है। यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष हो, त्र्यंबकेश्वर में अनुभवी शिवेश गुरुजी के निर्देश में विधि अनुसार पूजा करें। आपका जीवन शुभ दिशा में अग्रसर होने लगता है।

काल सर्प योग पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कालसर्प दोष क्या होता है?

कालसर्प दोष तब बनता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं। यह योग व्यक्ति के जीवन में बाधाएं, मानसिक तनाव, और अस्थिरता ला सकता है।

कुंडली में कालसर्प दोष कैसे पहचाने?

यदि कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि) आ जाएं, तो यह दोष बनता है। यह जाँच जन्म कुंडली के राशिचक्र में की जाती है।

क्या हर व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष का प्रभाव समान होता है?

नहीं, यह प्रभाव ग्रहों की स्थिति, दशा, और भावों पर निर्भर करता है। कभी-कभी इसका प्रभाव हल्का होता है और कभी गंभीर।

क्या कालसर्प दोष का कोई उपाय है?

हाँ, त्र्यंबकेश्वर (नासिक), उज्जैन या काशी में विशेष पूजा जैसे कालसर्प दोष निवारण पूजा, महामृत्युंजय जाप, या रुद्राभिषेक करवाना शुभ माना जाता है।

क्या कालसर्प दोष से विवाह या करियर प्रभावित होता है?

हाँ, कई बार इस योग के कारण विवाह में देरी, करियर में रुकावटें, और मानसिक अस्थिरता देखी जाती है।

Reference – https://www.jansatta.com/religion/jyotish-gyan-how-kaal-sarp-dosh-is-formed-in-birth-kundli-know-its-symptoms-and-remedies/1711898/

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